क्या आप उस समय की कल्पना कर सकते है, लगभग 1970 – 1980 के दशक की, जब आप वर्तमान घटनाओं से अपडेट रहने की उम्मीद से सुबह सुबह घर के अंदर बाहर चक्कर लगा रहें है और हर एक साइकिल की आवाज पर लपक कर बाहर की तरफ दौड़ पड़ते है – जी हाँ आप उत्सुक है उस दिन के समाचार पत्र (न्यूज़ पेपर ) को पढ़ने के लिए।
तब आप दुनियाँ की जानकारी के लिए क्या करते थे? या तो आप अपना टीवी चालू कर सकते थे, रेडियो सुन सकते थे, या बाहर निकलकर सुबह का अखबार खोल सकते थे। आप जो भी तरीके को चुनें, आप सावधानीपूर्वक प्रोग्राम किए गए प्रसारणों या सटीक रूप से मुद्रित शब्दों पर भरोसा कर, के अपने को ज्ञानी मान कर, सब प्रसारण, प्रकाशन समूहों को, जिन्हें आपके घर तक खबर या विचारों को पहुँचने में समय और प्रयास लगाया, उन के प्रति धन्यवाद के भाव रखते है।
अब, उस परिदृश्य की तुलना आज से करें। समाचारों को पकड़ना आपके स्मार्टफ़ोन पर स्वाइप करने जितना ही तेज़ और सरल है। अंतहीन जानकारी – चाहे वह सामाजिक, राजनीति, बिज़नेस, मनोरंजन, खेल या किसी भी अन्य विषय के बारे में हो – देश या विदेश में घटित, अब सचमुच आपकी उंगलियों पर है। डिजिटल तकनीक के विकास ने व्यक्तियों और समुदायों द्वारा समाचारों तक पहुँचने के तरीके को मौलिक रूप से बदल दिया है, और इसने पत्रकारों द्वारा समाचारों की रिपोर्टिंग के तरीके को भी एक नया रूप दिया है।
यह लेख आप को बतायेगा कि इंटरनेट और सोशल मीडिया प्रभवित डिजिटल युग ने पत्रकारिता और समाचार मीडिया परिदृश्य को कैसे बदल दिया है और संचार तकनीकों में प्रगति किस तरह से समाचारों को इकट्ठा करने, साँझा करने और उपयोग- उपभोग करने के तरीके को धीरे – धीरे बदल रही है।
अधिक जानने के लिए आगे पढ़ें।
डिजिटल पत्रकारिता के युग का संक्षिप्त इतिहास
19वीं सदी में अपनी शुरुआत से लेकर अबतक डिजिटल पत्रकारिता ने एक लंबा और महत्वपूर्ण सफर तय किया है। नवोदित प्रकाशन कंपनियों और नेशनल प्रेस से निकले अखबारों की छपाई से लेकर डिजिटल रेडियो और वेब टेलीविज़न पर समाचार प्रसारण में ऑनलाइन तकनीकि का हस्तक्षेप से पत्रकारिता के अन्दाज़ लगातार बदलती दुनियाँ और उस के संचालित मानव जीवन शैली और दर्शकों की पसंद के साथ तालमेल बिठाने वाला एक पूर्ण और प्रभावशाली उद्योग बन जाया है।
1990 के दशक में इंटरनेट के आगमन के साथ, पत्रकारों और समाचार रिपोर्टिंग पेशेवरों को समाचार कहानियों को साँझा करने और अपने पाठकों, दर्शकों और श्रोताओं से जुड़ने के रोमांचक तरीकों से परिचित कराया गया। वर्ल्ड वाइड वेब ने डिजिटल पत्रकारिता के नए युग की शुरुआत की, जहाँ समाचार सामग्री दुनिया में लगभग कहीं भी ऑनलाइन बनाई और वितरित की जा सकती थी वह भी बहुत काम समय और लागत में, जिस से समाचार की नब्ज़ धीरे-धीरे बड़े प्रकाशन-प्रसारण समूहों की पकड़ से छूट कर आम खोजी पत्रकार या क्रिएटिव पत्रकारिता के हाथों में जा पहुँची।
डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म का उपयोग करने वाले पेशेवर पत्रकार अभी भी अपने काम में पूर्ण निष्पक्षता और सटीकता जैसे नैतिकता के मानकों को पूरा करने का भरपूर प्रयास करते हैं, स्मार्टफोन या कंप्यूटर रखने वाला कोई भी व्यक्ति, एक तरह से, खुद पत्रकार बन सकता है। सोशल मीडिया और ब्लॉग ने किसी को भी बिना कोई पैसा दिए सामग्री प्रकाशित करने की अनुमति दी है।
यद्यपि इस डिजिटल युग ने समाचारों के प्रसार और उपभोग को गतिशील कर दिया है, लेकिन इसने पत्रकारों के लिए नैतिक सिद्धांतों का पालन करने और तेजी से बढ़ते डिजिटल दर्शकों के हितों के साथ समायोजन करने में कुछ जटिल चुनौतियां भी उत्पन्न कर दी हैं।
डिजिटल दर्शकों की माँगों को दायरा बड़ा करना: पत्रकारिता प्रथाओं में निरंतर विकास
पिछले कुछ दशकों में विभिन्न प्रकार की डिजिटल पत्रकारिता – जिसमें प्रसारण, खेल, पारंपरिक और खोजी पत्रकारिता शामिल हैं – धीरे-धीरे डिजिटल दर्शकों के अनुकूल हो गई है। जैसे-जैसे अधिक से अधिक लोग इंटरनेट के माध्यम से एक-दूसरे से और समाचार आउटलेट से जुड़ते जा रहे हैं, पत्रकारों ने उन्हें सेवा देने के लिए अलग-अलग तरीके अपनाए हैं। इनमें से कुछ तरीके निम्नलिखित हैं:
मल्टीमीडिया स्टोरीटेलिंग: इसमें एनिमेटेड टेक्स्ट, ऑडियो और वीडियो को सार्थक तरीकों के मिश्रण से एक साथ कहानी बुनना शामिल है।
इंटरैक्टिव और व्यक्तिगत सामग्री अनुभव: पत्रकारों के पास अब अपनी सामग्री को किसी व्यक्ति की अनूठी प्राथमिकताओं के अनुसार ढालने का साधन है, और डिजिटल तकनीक समाचार कहानियों के साथ अधिक इंटरएक्टिविटी की अनुमति देती है। वीडियो ब्लॉग्गिंग एंड पॉडकास्टिंग
समुदाय संचालित नागरिक पत्रकारिता: सोशल मीडिया साइट्स और ऑनलाइन फ़ोरम की बदौलत, रोज़मर्रा के लोग न केवल समाचार प्राप्त करने में सक्ष्म हैं, बल्कि इस पर वह टिप्पणी भी कर सकते हैं और सब मिल कर चर्चा भी कर सकते हैं।
कमश:
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